आज के युग की सामान्य समस्या यानी हाइपर एसिडिटी। सभी कभी ना कभी इससे परेशान होते हैं लेकिन निरंतर या बार-बार एसिडिटी होना बेहद गंभीर समस्या बन सकती है। दरअसल हमारे पेट में अन्न पाचन हेतु एक निश्चित प्रमाण में हायड्रोक्लोरिक एसिड का निर्माण होना आवश्यक होता है, जैसे भोजन में मौजूद प्रोटीन का पाचन करवाने में सहायता करना। लेकिन जब यह एसिड आवश्यकता से अधिक प्रमाण में होता है तब हाइपर एसिडिटी की परेशानी की शुरुआत होती है। हाइपर एसिडिटी से पेट का अंदरूनी स्तर प्रभावित होता है या यूँ कहें कि खराब होता है, जिसे शास्त्रीय भाषा में गैसट्रीटाइस कहते हैं। इससे पेट में अल्सर तैयार होते हैं। यह परिस्थिति वर्तमान युग में चिंतायुक्त और अत्याधुनिक जीवनशैली के कारण ज्यादा बढ़ रही है।
हाइपर एसिडिटी के कारण
- अनियमित खाने की आदतें।
- मसालेदार, तला हुआ खाना, बहुत बुरी तरह से पकाया हुआ भोजन करना, ठंढा खाना खाना।
- फास्ट फूड, लाल मटन, प्याज, लहसून का ज्यादा सेवन करना।
- चिंता और निराशा।
- नकारात्मक भावनाएँ जैसे गुस्से में या उदास होने पर खाना खाने से पेट में एसिड का निर्माण ज्यादा होता है।
- जागरण करना।
- जल्दी-जल्दी बिना चबाए भोजन करना या भूख न लगना।
- लंबे समय तक ऐस्परिन, स्टीरॉइड आदि दवाइयों का सेवन करना।
- मद्यपान और धूम्रपान करना।
- मिठाई का सेवन करना।
- गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में बदलाव आने के कारण।
- पेट में बैक्टेरिया के कारण इनफेक्शन होने से।
एसिडिटी के लक्षण
- हृदय में जलन।
- खट्टापन।
- पेट में गैस की तकलीफ होना।
- उल्टी और जी मिचलाना।
- मुँह में खट्टा या कड़वा स्वाद।
- पेट में अनचाही हलचल होना।
- खून की उल्टी या शौच द्वारा खून जाना।
एसिडिटी पर होमिओपैथी
इन दवाइयों से केवल तात्कालिक लाभ ही नहीं मिलता अपितु इसका उद्देश्य ही बीमारी को जड़ से खतम करना होता है। इन दवाइयों का कोई विशेष पथ्य नहीं होता, आप हर तरह के भोजन का आनंद ले सकते हैं।
हाइपर एसिडिटी से बचाव कैसे किया जा सकता है?
- मेदयुक्त, तला हुआ, मसालेदार भोजन, प्याज, लहसुन, लाल मटन टालें।
- चिंता से दूर रहें।
- अनावश्यक दवाइयाँ लेना टालें।
- तेज चलनेवाले व्यायाम टालें।
- वजन कम करें।
- पुदीना, हरा धनिया, इलायची और हल्दी का इस्तेमाल करें। यह ठंढी तासीर देती है, इससे हृदय में होनेवाली जलन शांत होती है।
- 6-8 गिलास पानी पीएँ।
- कम मात्रा में भोजन करें लेकिन दिन में 4-5 बार करें।
- रात के भोजन के बाद स्नैक्स न खाएँ।
- खाने के पश्चात कमर से आगे ज्यादा न झुकें।