कालेस्ट्राल को संतुलित रखने के लिए नियमित व्यायाम अचूक सहायक।

 

चकित्सा-विशेषज्ञों ने स्वस्थ एवं नीरोग रहने के लिए व्यायाम को आवश्यक बताया है। व्यायाम से यदि शरीर को सन्तुलित नहीं किया गया, तो भविष्य में व्यक्ति कई रोगों का शिकार हो सकता है। शरीर में असन्तुलित वसा से हृदय रोगियों की संख्या देश में बढ रही है। इस समय चार करोड़ हृदय रोगी देश में हैं।

पिछले दस सालों में मानव की जीवन पध्दति में तेजी से बदलाव आया है। मनुष्य में अक्रियाशीलता लगातार बढ रही है। आपाधापी के युग में हम शरीर पर उतना ध्यान नहीं दे पा रहे हैं जिसके फलस्वरूप शरीर में तरह-तरह की बीमारियां उत्पन्न हो रही है।

मानव शारीरिक कार्य कम कर रहा है और असन्तुलित कोलेस्ट्राल का परिणाम है कि देश में हृदय रोगियों की संख्या बढकर चार करोड तक पहुंच गयी। विभिन्न रोगों से होने वाली मौतों में हृदय रोग काफी आगे है। वर्तमान में भारत में पांच मृतकों में से एक हृदय का रोगी है। यदि हृदय रोगियों के बढने की रफ्तार यही रही तो भविष्य में स्थिति विस्फोटक हो सकती है। हाल में एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कुल 1000 रोगियों में 80 से 120 लोग हृदय रोग से पीड़ित हैं।

कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है। एच. डी. एल. कालेस्ट्राल। एच. डी. एल. काफी घातक होता है। एल.डी. एल. शरीर में चर्बी बढाता है। स्थिति यह हो जाती है कि खून की नालियों में चर्बी जमने लगती है जिससे हृदयरोग हो जाते है।

चिकित्सकों के अनुसार शरीर मेें असन्तुलित कालेस्ट्राल की मात्रा को सन्तुलित करने के लिए मनुष्य को हररोज कम से कम 20 मिनट का व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम से ओवरवेट नहीं होता तथा तोंद नहीं निकलती।

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