अरोमा थेरपी से बालों की सुरक्षा

घने, लंबे बाल आज-कल की भागदौड़ी में एक सपने की तरह हैं। ऐसा सपना, जिसे पूरा करने में खूब मेहनत होती है। जरा सी लापरवाही हुई नहीं कि बाल झड़ने लगते हैं। अस्वस्थ होते बालों के लिए कई बातें जिम्मेदार होती हैं, जैसे ऊष्मा (आयरन, ब्लो ड्रायर, कर्लर आदि), यू वी रे (सूर्य, धूल, मिट्टी), मेकेनिकल डिवाइस (कंघी, ब्रश आदि), केमिकल्स (हेयर कलर, पर्म, पूल केमिकल्स आदि) और अपौष्टिक भोजन। इसके अलावा नैचुरल ऑइल खत्म होने से बाल रूखे हो जाते हैं।

अ‍ॅल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की डाइरेक्टर भारती तनेजा के अनुसार स्वस्थ बालों को रोजाना ज़रूरी न्यूट्रिशंस की आवश्यकता होती है। बालों की उत्पत्ति त्वचा के नीचे स्थित रोम कूप से होती है। प्रत्येक रोम कूप के नीचे रोम कोशिका या पैपिला होती है। यही रक्त धमनियों से पोषक तत्त्व ग्रहण करती है और नए बालों को जन्म देती है। ऐसा माना जाता है कि इससे एक माह में आधा इंच और एक वर्ष में पाँच से छः इंच तक बाल बढ़ जाते हैं। सामान्य व्यक्ति के 60 से 70 बाल रोज़ाना झड़ते हैं। किसी भी कारण से बाल झड़ने या बालों की अन्य समस्याओं को अरोमा थेरपी के ज़रिए ठीक किया जा सकता है। अरोमा थेेरपी में प्रयुक्त किए जानेवाले आवश्यक तेलों में बालों को झड़ने से रोकने के साथ-साथ उन्हें बढ़ने में मदद करने की खासियत होती है।

आवश्यक तेल कौन से हैं?

अरोमा थेरपी में इस्तेमाल होनेवाले आवश्यक तेलों को आमतौर पर तेल ही कहा जाता है, लेकिन ये सिर्फ तेल ही नहीं होते। इनके अलावा और भी कई चीजें होती हैं। यह थेरपी न सिर्फ बालों को झड़ने से रोकने में मदद करती है, बल्कि बालों की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ उनमें नई जान भी डालती है। यह थेरपी न सिर्फ बालों के लिए ही नहीं बल्कि सिर के लिए भी बहुत लाभकारी होती है। इन आवश्यक तेलों में एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, डिप्रेशन विरोधी बहुत से गुण होते हैं, जो हमारे शरीर को रिलैक्स करते हैं।

क्या है अरोमा थेरेपी?

‘अरोमा’ शब्द का अर्थ है सुगंध। अरोमा थेरपी को सुगंध से होनेवाली चिकित्सा कहते हैं। शारीरिक व मानसिक बेहतरी व तंदुरुस्ती के लिए विभिन्न प्राकृतिक एवं सुगंधित तेलों के प्रयोग की प्रक्रिया ही अरोमा थेरपी कहलाती है। पुराने जमाने में मिस्र, यूनान व रोम में रहनेवाले लोग कई मानसिक व शारीरिक बीमारियों को ठीक करने के लिए अलग-अलग तरह के विशेष पौधों से सुगंधित तेल निकालकर उनसे उपचार करते थे। अरोमा या इसेंशियल ऑइल्स विभिन्न तरह के फूलों, ज़ड़ी-बूटियों और पौधों की खुशबू का अर्क होते हैं। दरअसल ये पानी में अघुलनशील होते हैं। इन तेलों को उनकी खुशबू के आधार पर दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता है- फ्लोरल अरोमा और हर्बल अरोमा।

ध्यान दें

अरोमा ऑइल्स का इस्तेमाल दिन के बजाय रात को करने से ज्यादा लाभ होता है। क्योंकि बाहर निकलने पर त्वचा धूल-मिट्टी और प्रदूषण की चपेट में आती है, जिससे त्वचा के रोमछिद्र बंद होने का डर रहता है। इसलिए इसे दिन में इस्तेमाल कर रहे हैं तो 15-20 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लेना चाहिए।

बालों का उपचार

बालों को उपचार देने के लिए पहले अरोमा ऑइल से मसाज करने का सही तरीका पता होना चाहिए। ये तेल आसानी से त्वचा में समा जाते हैं और अपना कार्य आरंभ कर देते हैं। अरोमा थेरपी में तेलों का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। आवश्यक तेलों के बिना यह थेरपी अधूरी है। फल, फूल, पत्ते, छाल और विभिन्न पौधों की जड़ों से निकले अर्क से खास तरह के सुगंधित तेलों का निर्माण किया जाता है। इन पौधों के अर्क में जीवन के समान गुण होते हैं और इन्हें पौधों का रक्त कहा जाता है। हर तेल की अपनी अलग चिकित्सीय खासियत होती है।
अरोमा थेरपी में इस्तेमाल होनेवाले ऑइल में बालों के लिए खासतौर पर उपयोगी जैतून का तेल, यूकेलिप्टस, लैवेंडर, जिरेनियम, अरंड़ी का तेल, जोजोबा तेल, नींबू, मेहंदी, रोमन कैमोमाइल आदि ऑइल प्रमुख हैं।

  • जैतून तेल

जैतून का तेल बालों के विकास और बालों से संबंधित समस्याओं के लिए उपयोग में लाया जाता है क्योंकि यह विटामिन ए, ई और अन्य एंटी ऑक्सीडंट गुणों से समृद्ध होता है जो कि बालों में कैरोटिन की परत की रक्षा करता है और नमी को बनाए रखता है। इसके जीवाणुरोधी और कवकरोधी गुण इसेे सिर और बालों की समस्या जैसे कि खुजली, रूसी और बालों के झड़नेे को रोकने में मदद करता है। यह बालों के छेद में गहराई तक घुस जाता है और क्यूटिकल्स को सुरक्षा प्रदान करता है।

  • नीलगिरी तेल

नीलगिरी तेल ब्लड सर्क्यूलेशन बढ़ाता है, इससे बाल उगते हैं और सिर भी साफ होता है। इससे रूसी की समस्या भी दूर होती है। कई हेयर पैक्स में नीलगिरी का तेल भी मिलाया जाता है। यदि आपके भी बाल बहुत झड़ रहे हैं या वे पतले हो चुके हैं तो देर ना करें और अभी से ही यूकेलिप्टस यानी कि नीलगिरी का तेल लगाना शुरू कर दें। इससे आपको जरूर फायदा होगा।

  • लैवेंडर तेल

लैवेंडर का तेल सिर की जुएँ और इनके अंडों का भी पूरी तरह से खात्मा करता है। यह बालों के झड़ने की समस्या और अ‍ॅलोपेशिया (रश्रेशिलळर) का भी उपचार करता है। यह गंजापन दूर करने का भी काफी प्रभावी नुस्खा साबित होता है। यह त्वचा की कोशिकाओं का पुनर्विकास करता है।

  • अरंडी तेल

अरंडी का तेल रिसिनोलीक, ओलिक और लिनोलीक ऐसिड्स से भरपूर होता है। साथ ही इसमें फैटी ऐसिड्स भी पाया जाता है। दो मुँहे बाल, बालों को पोषण न मिलना, खराब बाल आदि बालों को बढ़ने से रोकते हैं। अरंडी के तेल का एक फायदा यह है कि जब आप इसे अपने सिर (स्कॅल्प) पर मसाज करते हैं तब यह आपके बालों की ड्राइनेस, स्प्लिट एंड्स खत्म करके उन्हें ढेर सारा पोषण प्रदान करता है जिसके फलस्वरूप उनकी तेज़ी से वृद्धि होती है। साथ ही इस तेल में मौजूद ओमेगा-9 फॅटी ऐसिड्स आपके बालों को सेहतमंद रखने मे मदद करते हैं। यदि आपको लंबे और मजबूत बाल चाहिए तो आज से ही रोज रात को अरंडी तेल से अपने सिर का मसाज करें। बाल असमय सफेद हो रहे हैं तब इस तेल से प्रतिदिन मालिश करके उन्हें रोका जा सकता है। यह तेल बालों मे पाए जानेवाले पिगमेंट को रोके रखने का कम कर उन्हें लंबे समय तक सफेद होने से बचाता है।

  • जोजोबा तेल

जोजोबा का तेल सिर को स्वस्थ और पोषित बनाए रखने के लिए उपयोग में लाया जाता है। बालों के त़ेजी से बढ़ने के लिए सीबम की ग्रंथियों से सीबम के तेल का सही मात्रा में उत्पन्न होना आवश्यक है। सीबम आपके बालों के रोमछिद्रों पर असर करके बालों के बढ़ने को प्रोत्साहित करता है। सीबम के सही मात्रा में उत्पन्न ना होने से बाल सूखे और कमजोर हो जाते हैं, जिससे उनके गिरने और दो ंमुँहे होने की संभावना बढ़ जाती है। सिर पर बैक्टीरिया या अन्य किसी प्रकार के फंगस के संक्रमण से बालों के बढ़ने में बाधा उत्पन्न होती है। इन समस्याओं का आपको पहले से कोई अंदेशा नहीं होता है और धीरे-धीरे ये आपके बालों के रोमछिद्रों को प्रभावित करके उन्हें खराब करते हैं और इससे आपके बाल टूटने लग जाते हैं। अगर आप भी ऐसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो जोजोबा का तेल आपका सच्चा मित्र है क्योंकि यह बैक्टीरिया या अन्य कीटाणुओं तथा फंगस से लड़ने में आपकी मदद करता है और आपके सिर को साफ करके उसे पोषित बनाता है। अगर आपको बालों के दो मुँहे होने या उनके किनारे रूखे होने की समस्या है तो बालों के खराब भागों में थोड़ा सा जोजोबा का तेल लगाएँ और इसे 1 से 2 घंटे के लिए छोड़ दें और इसके बाद बालों को सादे पानी से धो दें।

  • जिरेनियम तेल

जिरेनियम का तेल उम्र के निशानों को हल्का करता है और त्वचा के स्वरूप को समान बनाता है। यह त्वचा के अंदर रक्त का संचार सुचारू रूप से चलाए रखता है और कोशिकाओं के पुनर्विकास में मदद करता है। इससे त्वचा के दाग धब्बे और झुर्रियाँ दूर होते हैं।

  • मेहंदी

मेहंदी में केराटीन को बाइंड करने की क्षमता होती है, जिससे वह बालों पर एक सुरक्षा कवच चढ़ा देती है। यह बालों के चिपचिपेपन को खत्म करने और कंडीशनर का काम करती है और रूसी को दूर करती है।

  • नींबू

नींबू का तेल सिर पर अपनी चिकित्सा और टोनिंग प्रभाव के लिए जाना जाता है। यह बालों का टूटना कम कर देता है और उनके विकास को उत्तेजित करता है।

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