प्राचीन भारत में नींबू अपने गुणकारी प्रभावों के कारण प्रयुक्त होता था। नींबू का हम रोज़ नियमित उपयोग करते हैं। इसे भोजन में, खास कर दाल-सब्ज़ियों में खटाई के लिए भी प्रयोग करते हैं। गर्मी के दिनों में आज भी नींबू की शिकंजी या शरबत और नींबू का नमकीन पेय बनाकर पीने का रिवाज़ है। भूख लगने व बढ़ने के लिए आज भी लोग अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े कर उसमें नींबू का रस मिलाकर भोजन के पहले व भोजन के साथ उसका प्रयोग करते हैं। आम्लधर्मीय रसदार फलों में नींबू एक महत्वपूर्ण फल है। स्वास्थ्य को संभालने की दृष्टि से उसका बहुत मोल है।

नींबू में सिट्रिक ऍसिड, विटामिन के, कैल्शियम और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होता है। इसके रस में नींबूकाम्ल, गंधकाम्ल तथा शर्करा होती है। यह विटामिन सी का प्रमुख स्रोत है। इसके छिलके में एक विशेष प्रकार का उड़नशील तेल है, जिसमें सिट्रीन 76%, सिट्राल 7-8% तथा सिट्रोनल तत्त्व होते हैं।

नींबू कई नामों से जाना जाता है। संस्कृत में इसे मातुलुंग, बीजपूर व रुचक कहते हैं। हिंदी में नींबू को बिजौरा कहते हैं। गुजराती में बिजोरु व नींबू, मराठी में ईडलिंबू, तामिल में मादलम, तेलुगु में मादीफलम्, कन्नड में रुचक, मादल व महाफल तथा अंग्रेजी में लेमन व सिट्रोन कहते हैं।

नींबू भारत में लगभग सभी जगह उगाया जाता है। नींबू की कई प्रजातियाँ हैं जैसे मीठा नींबू, कागज़ी नींबू, जमीरी नींबू, चकोतरा, बिजौरा नींबू आदि अपनी उपयोगिता के कारण प्रसिद्ध हैं।

नींबू का उपयोग कर हम बहुत सारे रोगोें को दूर कर सकते हैं। स्वास्थ्य के लिए नींबू बहुत उपयोगी और लाभदायक है। तो आइए, जानते हैं नींबू के फायदों के बारे में।

नींबू के फायदे

  1. नींबू में उपलब्ध विटामिन ‘के’ रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाकर शरीर के ज़ख्मों को ठीक करता है।
  2. आँखों के लिए हितकारी है। इसके अलावा दाँत, हड्डियों के लिए भी उपयोगी है।
  3. नींबू के छिलके में औषधि गुणधर्म होते हैं। छिलके को चबाने से उसमें मौजूद तेल से पाचनक्रिया में सुधार होकर वायु का उच्चाटन होता है।
  4. नींबू के रस से आँतों में मौजूद कृमि मर जाते हैं।
  5. सुबह खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से कब्ज़ की शिकायत दूर होती है।
  6. नींबू में पाया जानेवाला सिट्रिक ऐसिड अल्कली में परिवर्तित होता है। इसलिए पेप्टिक अल्सर में नींबू विशेष लाभकारी सिद्ध होता है।
  7. नींबू में विटामिन सी होता है, जिसके परिणामस्वरूप सर्दी और बुखार में नींबू रस पानी में मिलाकर लेना फायदेमंद होता है।
  8. नींबू में उपलब्ध विटामिन ‘के’ की वजह से जोड़ों के स्नायु मज़बूत होकर संधिवात में आराम मिलता है।
  9. चेहरे की शुष्कता पर नींबू फायदेमंद होता है।
  10. गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर उससे एड़िया साफ करें, एड़ियाँ साफ हो जाएँगी।
  11. नींबू का रस वज़न कम करने में मदद करता है, नींबू का रस गर्म पानी के साथ लेने से अच्छा फायदा होता है।
  12. मूत्रपिंड में युरिक ऍसिड का जमा होना गाउट होने का मुख्य कारण है। नींबू में पाए जानेवाले सिट्रिक ऍसिड से वह बाहर फेंकने में सहायक होता है।
  13. खूनी बवासीर (झळश्रशी) में एक छोटा नींबू काट लें, उस पर सैंधव नमक छिड़ककर मुँह में रखने से फायदा होता है।
  14. तेज़ सिरदर्द से मुक्ति पाने के लिए नींबू को आधा काटें। कटे भाग को मस्तक पर रगड़ें। सिरदर्द की तीव्रता तुरंत चली जाएगी।
  15. नींबू के 2 तोले रस में ज़रा सा काला नमक और शहद मिलाकर पीने से अथवा सोंठ, आँवला व पिप्पली के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से हिचकियाँ बंद हो जाती हैं।

सावधानी:

नींबू का ज़्यादा इस्तेमाल न करें। इसका ज़्यादा इस्तेमाल करने से दाँतों का इनैमल नष्ट होकर दाँत अधिक संवेदनशील होते हैं। अति प्रमाण में नींबू रस लेने से पाचनक्रिया बिगड़ जाती है। हो सके तो नींबू का इस्तेमाल गर्म पानी या गर्म पदार्थों में करना चाहिए।

-सरीता कुलकर्णी

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