छाछ
नियमित रूप से छाछ का सेवन करनेवाला व्यक्ति रोग-व्याधियों से मुक्त रहता है। इतना ही नहीं, छाछ सेवन के कारण ठीक हुई व्याधि पुनः कभी सिर नहीं उठाती। ज़हर से बाधित रोगी को छाछ पिलाकर ही ठीक किया जाता है। आधुनिक चिकित्सा शास्त्र के अनुसार छाछ में जीवनसत्त्व ‘सी’ होने के कारण उसके सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है तथा त्वचा स्वस्थ और सुंदर हो जाती है। छाछ में लैक्टिक ऐसिड होने से पाचन संस्था संबंधी व्याधियों में यह उपयुक्त सिद्ध होता है। साथ ही छाछ में प्रोटीन्स, लोह इत्यादि घटक भरपूर मात्रा में होने के कारण उपवास के बाद शरीर का पोषण करने में उसकी बड़ी सहायता होती है।
यथा सुराणामृतं सुखाय।
तथा नराणां भुवि तक्रमाहः॥
जिस प्रकार स्वर्गलोक में देवों को प्रसन्न करनेवाला अमृत है, उसी प्रकार पृथ्वी पर मनुष्य को प्रसन्न करनेवाला अमृत है – छाछ।
सामग्री :
एक प्याला गाय के गुनगुने दूध में जामन (विरजन) के लिए आधा चम्मच खट्टी दही।
विधि ः
गुनगुने दूध में दही का जामन मिला दें। जाड़े के मौसम में दही का जामन जरा ज़्यादा इस्तेमाल करें। दही जमाने का बरतन आटा रखनेवाले डिब्बे में या किसी ऊनी कपड़े में लपेटकर रखें। इस मिश्रण को चम्मच से अच्छी तरह से हिलाएँ और ढक्कन लगाकर चार-पाँच घंटे के लिए रख दें।
चार घंटों के बाद तैयार हुआ मीठा दही निकाल लें। उसमें दही से दुगना पानी मिलाकर मथनी से मथ लें या मिक्सर में घुमा लें। बिना पानी मथने से लस्सी बन जाती है। प्रति 200 मि. ली. लस्सी में देसी गुड़ की दो चम्मच राब (पतला गुड़) मिलाने से मधुर स्वाद का टॉनिक बन जाता है।
भूख लगे तो छाछ में जवार या मकई की लाई का आटा मिलाकर खाएँ। छाछ के साथ गेहूूँ का भूना हुआ चिवड़ा खाना लाभदायी होता है। सूचना
अनुसार कभी छाछ में चावल के बने नायलॉन चिवड़े के पोहे मिलाकर खाएँ। दही अगर खट्टा हो तो उसका इस्तेमाल न करें।
यदि मसाला छाछ बनानी हो तो छाछ में जीरा पाउडर, सेंधा नमक, हरा धनिया, अदरक स्वादानुसार डालें एवं यदि पसंद हो तो थोड़ा राब का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
सोल कढ़ी
सामग्री ः
7-8 ताजा कोकम या कोकम का रस, एक नारियल, नमक, एक इंच अदरक और हरा धनिया।
विधि ः
कोकम को ठंढे पानी में भिगोकर रख दें। मिक्सर में से नारियल का दूध निकाल लें। उसमें ज़रूरत के अनुसार पानी और अदरक का रस मिलाएँ। फिर उसमें कोकम का पानी या कोकम का रस, नमक और हरा धनिया डालकर अच्छे से मिलाएँ। गरमी के दिनों में यह कढ़ी पित्ती (अंभौरी) शांत करने में काम आती है।
योगर्ट
सामग्री ः
बर्फ, एक गिलास मीठी दही, दो चम्मच गुड़ का चूरा, पुदीने के 2-3 पत्ते, एक कटोरी ककड़ी के टुकड़े, 1-2 टमाटर, नमक, स्वादानुसार जीरा पाउडर और नींबू का रस।
विधि ः
एक बरतन में बर्फ लेकर उसमें मीठी दही, गुड़ का चूरा डालकर मथ लें। पुदीने के पत्ते, बारीक काटकर डालें। ककड़ी और टमाटर बारीक काटकर या मिक्सर में पीसकर उसमें मिलाएँ। स्वादानुसार नमक और जीरा पाउडर मिलाएँ। इसे गिलास में भरकर देते समय ऊपर से थोड़ा नींबू निचोड़ दें और सजावट के लिए गिलास के किनारे पर नींबू की स्लाइस लगा दें। यह पेय गरमी के दिनों में अच्छा होता है। चाहे तो इसमें थोड़ा अदरक भी मिला सकते हैं। मौसम के अनुसार इस शरबत में ककड़ी और टमाटर के बजाय पपीता का रस, छिला हुआ सेब या चिकू क्रश भी डाल सकते हैं।
जवार का माल्ट
महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में रोज़ाना भोजन में जवार ही प्रमुख घटक है। जवार ठंढी, रूक्ष, मधुर, पित्तशामक और रक्तविकार दूर कर देनेवाली है।
सामग्री ः
1 कटोरी जवार, सेंधा नमक और छाछ।
कृति ः
जवार के दानों को मिक्सर में दरदरा पीस लें। उसमें से दो चम्मच पाउडर को आधी कटोरी पानी में या छाछ में आधा घंटा भिगोकर रख दें। फिर एक बरतन में एक गिलास पानी उबालने के लिए रखें। भिगोई हुई जवार के पाउडर की पेस्ट उबलते हुए पानी में चम्मच से हिलाते रहें। इसे धीमी आँच पर दस मिनट तक पकाएँ। पकने पर उसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाएँ। ठंढा होने पर यह गाढ़ा हो जाता है। माल्ट पकने पर उसमें ताज़ा छाछ मिलाकर सेवन करें।
रागी (नाचनी) का माल्ट
सामग्री ः
1 कटोरी रागी, सेंधा नमक, अदरक, 1 गिलास पानी आदि।
विधि ः
सबसे पहले रागी को मिक्सर में बारीक पीस लें। उसमें से 2 चम्मच पाउडर को पानी में या छाछ में 1-2 घंटे भिगोकर रखें। एक बरतन में 1 गिलास पानी डालकर उसमें उबाल लाएँ, उसमें थोड़ी सी अदरक डालें। पानी उबलने पर उसमें भिगोई हुई रागी का पेस्ट मिलाएँ और उसे मिलाते हुए चम्मच से हिलाते रहें। उसे धीमी आँच पर दस मिनटों तक पकाएँ। पकने पर स्वादानुसार उसमें सेंधा नमक मिलाएँ। रागी के तैयार माल्ट में ताज़ा छाछ मिलाकर सेवन करें।
रागी (नाचनी) का मीठा माल्ट
सामग्री :
रागी का 2 चम्मच आटा, गुड़, 1 गिलास पानी, कूटा हुआ अदरक, इलायची।
विधि ः
रागी का आटा 1-2 घंटे पानी में मिलाकर रखें। एक बरतन में पानी लेकर उसमें उबाल लाएँ। उस पानी में नींबू जितना गुड़ डालें। गुड़ पिघलने पर उबलते हुए पानी में रागी का पेस्ट मिलाएँ और चम्मच से हिलाते रहें। उसमें
इलायची और कूटा हुआ अदरक मिलाकर धीमी आँच पर दस मिनटों तक पकाएँ। तैयार रागी माल्ट में गाय का दूध मिलाकर पी लें।
मिक्स सब्ज़ियों का रस (जूस)
सामग्री ः
लौकी, गोभी, ककड़ी, बीटरूट, गाजर, पालक, टमाटर, धनिया, तुलसी पत्ता, पुदिना इत्यादि।
कृति ः
सभी सब्ज़ियों को साफ धोकर, बारीक काटकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ले लें। फिर मिक्सर में एक गिलास पानी डालकर महीन पीस लें। तैयार रस को छान लें।