• यदि आपके सिर के बाल कम हों तो पत्तागोभी खूब चबा-चबाकर खाएँ। इससे बाल घने हो जाएँगे।
  • बालों को लंबा करने के लिए लौकी बहुत उपयोगी है। तिल व जैतून के तेल में लौकी का रस मिलाकर, कुछ समय के लिए धूप में रखें। फिर बालों में इसकी मालिश करें। इससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बाल लंबे होते हैं।
  • कच्चे नारियल के पानी में चने की दाल भिगो दें, जब सारा पानी दाल सोख ले तो दाल को मिक्सी में पीस लें। इस मिश्रण से सिर धोने से बाल बढ़ते हैं।
  • बालों की जड़ों में ककड़ी का रस लगाकर कुछ देर बाद धो लें। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाएगा।
  • चुकंदर के पत्तों को पानी में गरम कर लें, ठंढा होने पर इससे बालों को अच्छी तरह धो लें।
  • मुँह के रोगों से बचाव के लिए, कुछ देर मुँह में सरसों का तेल रखकर कुल्ला करने से जबड़े मजबूत होते हैं तथा आवाज ऊँची और गंभीर हो जाती है। इससे चेहरा पुष्ट हो जाता है, जीभ की स्वाद ग्रहण करने की शक्ति बढ़ जाती है। इस क्रिया से कंठ नहीं सूखता और होंठ भी मुलायम रहते हैं। दाँतों में दर्द नहीं होता व दाँत नहीं टूटते। मसूड़े मजबूत होते हैं, जिससे कोई तकलीफ नहीं होती और अधिक खट्टी चीजें भी खाई जा सकती हैं।
  • सायंकाल तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें। सुबह सूर्योदय के पहले ही उस पानी को बासी मुँह, धीरे-धीरे पीएँ और सौ कदम टहलकर फिर शौच जाएँ। इससे कब्ज़ दूर होता है और शौच खुल कर आता है। इससे बवासीर, उदर रोग, यकृत-प्लीहा के रोग, मूत्र और वीर्य के रोग, कुष्ठ, सिरदर्द, नेत्र विकार तथा वात, पित्त, कफ से होनेवाले अनेक रोगों से आप मुक्त रहते हैं। बुढ़ापा आपके पास नहीं फटकता है।
  • उच्च रक्तचाप स्वास्थ्य एवं सौंदर्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। इससे प्राकृतिक रूप से मुक्ति पाने के लिए तरबूज के बीज और सफेद खसखस, अलग-अलग पीसकर बराबर वज़न में मिलाकर रखेंं। तीन ग्राम (एक चम्मच) की मात्रा, प्रातः व सायं खाली पेट खायें। इससे रक्तचाप कम होता है, रात में नींद अच्छी आती है, सिरदर्द भी दूर होता है। कोलेस्ट्रोल पिघलकर पतला होकर निकलने लगता है, रक्तवाहिनियों की कठोरता घटने लगती है और वे मुलायम एवं लचीली बनने लगती हैं। इसके साथ ही गेहूँ और चना बराबर मात्रा में लेकर आटा पिसवाएँ और चोकर सहित ही इस आटे की रोटी बनाकर खाएँ। इससे एक-दो दिन में ही आराम मिलने लग जाएगा तथा तीन-चार दिनों में रोगी ठीक हो जाएगा।
  • बवासीर खूनी हो तो इससे शारीरिक स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। शरीर कमजोर होकर सौंदर्य नष्ट हो जाता है। खूनी बवासीर में यदि धारा प्रवाह रक्त जा रहा है तो रसौत तीन ग्राम, दही पचास ग्राम में घोलकर प्रातःकाल तीन दिन तक पीएँ। इसके तीन दिन के प्रयोग से ही खूनी बवासीर हमेशा के लिए मिट जाता है।
  • महिलाओं को कमर दर्द की अकसर ही शिकायत रहती है और इससे उनके स्वास्थ्य एवं सौंदर्य की हानि होती है। कमदर्द से छुटकारा पाने के लिए-रात में 60 ग्राम गेहूँ के दाने पानी में भिगो दें। सुबह इन भीगे हुए गेहूँ के साथ तीस ग्राम खसखस तथा तीस ग्राम धनिया की मींगी मिलाकर बारीक पीस लें। इस चटनी को दूध में पका लें और खीर बना लें। इस खीर को सप्ताह-दो सप्ताह खाने से कमर का दर्द दूर होता है और ताकत बढ़ती है। इससे पाचन शक्ति की दुर्बलता भी मिटती है, केवल खसखस और मिश्री दोनों बराबर वज़न लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाने और इसे छः ग्राम (दो चम्मच) रोजाना सुबह-शाम खाने और ऊपर गर्म दूध पीनेे से भी कमर का दर्द कम होने लगता है।
  • जो महिलाएँ दुबली-पतली होती हैं, वे सुंदर होते हुए भी सुंदर और आकर्षक नहीं लगतीं। पिचके हुए गाल व आँखें अंदर धँसी हुईं किसे अच्छी लगती हैं! वज़न बढ़ाने के लिए समभाग में छिलकों सहित सेब और गाजरों को कद्दूकस करके बनाए गए लच्छों को दोपहर के भोजन के साथ खाएँ। आपका वज़न कम हो रहा हो या आपको कमज़ोरी महसूस हो रही हो तो यह खाने से आपको लाभ होगा।
  • अधिकांश महिलाओं को खून की कमी की शिकायत रहती है। खून की वृद्धि के लिए किशमिश, मुनक्का और अंगूर उपयोगी साबित होते हैं। रात में 10-12 मुनक्के धोकर भिगो दें और सुबह बीज निकालकर खूब चबा-चबाकर खाएँ। इनके दो-चार सप्ताह के सेवन से ही खून में वृद्धि होने लगती है। मुनक्का वीर्य वर्धक भी है। यह पेट और फेफड़ों के लिए भी लाभदायक है। मुनक्का उपलब्ध न होने पर 25-30 किशमिश लेकर सुबह गर्म पानी में धोकर साफ कर लें और आधे घंटे के बाद कच्चे दूध के साथ उबाल लें। अब एक-एक करके किशमिश खाएँ और ऊपर से दूध पी लें। इससे खून बढ़ता है और सर्दी-जुकाम में जो अधिक ठंढ लगने की शिकायत होती है वह भी लगनी बंद हो जाती है।
  • अंगूर का मौसम हो तो अंगूर का 25 ग्राम का रस दोनों समय के भोजन के आधे घंटे बाद, दो-तीन सप्ताह तक पीने से भी खून बढ़ता है। कुछ ही दिनों में इससे पेट फूलना, भोजन न पचना, आफरा, दिल के दौरे पड़ना, चक्कर आना, सिरदर्द आदि जैसे रोग दूर होते हैं। इससे चेहरे का रंग साफ और लालिमा युक्त होता है।
  • खून खराब होने से त्वचा संबंधी अनेक रोग उत्पन्न होकर स्वास्थ्य और सौंदर्य नष्ट करते हैं। खून साफ करने के लिए गाजर का रस आधा गिलास (125 ग्राम), प्रातःकाल नाश्ते से पहले और शाम को चार बजे लगभग नित्य दो बार पीएँ। इसे पंद्रह-बीस दिन पीने से रक्त विकार नष्ट हो जाएगा और फोड़े-फुंसी निकलने बंद हो जाएँगे।
  • मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिए या फिर मस्तिष्क की कमज़ोरी दूर करने के लिए- सात बादाम की गिरियाँ, सात दाने काली मिर्च, दो छोटी इलायची, तीन ग्राम बड़ी सौंफ (गर्मियों में सौंफ के स्थान पर धनिया दाना), रात के समय काँच या चीनीमिट्टी के बर्तन में भिगो दें। सुबह बादाम के और इलायची के छिलके उतार लें। काली मिर्च को सौंफ के साथ रगड़ लें और फिर 250 ग्राम पानी मिलाकर कपड़े से छान लें। फिर दो चम्मच शहद या मिश्री मिलाकर उसे धीरे-धीरे पीएँ। इससे आँखों की ज्योति बढ़ती है, शारीरिक शक्ति बढ़ती है, दिमाग की कमजोरी दूर होती है तथा स्मरणशक्ति भी बढ़ती है।

संकलन
डॉ. दर्शना ताथेड
B.H.M.S

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