कैसे बढ़ाएँ हॅपी हार्मोन ताकि हरदम रहें हॅपी

हार्मोन ग्रंथियों द्वारा खून में स्रावित होनेवाला विशिष्ट प्राकृतिक कार्बनिक उत्पाद है, जो खून द्वारा शरीर के किसी भी हिस्से में पहुँचाया जा सकता है तथा यह अपने निश्चित प्रभावों को प्रदर्शित करता है। हार्मोंनों का प्रभाव या तो उत्तेजक होगा या धीमा हो सकता है। शरीर में मुख्यतः नौ अंतर्स्रावी ग्रंथियाँ होती हैं, जो अपने-अपने हार्मोन का स्रावण कर मन और शरीर को हॅपी बनाती है।

  1. प्रोजेस्टेरान: शरीर में प्रोजेस्टेरान सही होगा तो मन हमेशा हॅपी रहेगा। इसकी कमी निराशा पैदा करती है। लड़कियों में यह हार्मोन स्तनों की वृद्धि के साथ-साथ सुंदरता का द्योतक है। इस हार्मोन स्राव के लिए अनार, पालक, अखरोट, उड़द का सेवन करें। इसके साथ चक्रासन, धनुरासन, गोमुखासन ये आसन बेहतर उपचार हैं।
  2. सेरोटोनिन: किसी भी व्यक्ति की आशा और निराशा सेरोटोनिन के स्राव पर निर्भर करती है। यदि सेरोटोनिन का स्राव अधिक है तो वह हर क्षण खुशी महसूस करेगा। चाहे जीवन में उसके पास कितने भी दुःख क्यों न हों। सेरोटोनिन का स्राव जैसे-जैसे कम होता जाता है व्यक्ति गुस्सैल व चिड़चिड़ा होता जाता है। सेरोटोनिन स्राव के लिए पिस्ता, सूरजमुखी के बीज, केला, टमाटर, पोस्ता दाना (खसखस), अजवाइन, शहद, नारियल आदि का भरपूर सेवन बेहतर है। सर्वांगासन, हलासन, चक्रासन, भ्रामरी, ध्यान, नाड़ीशोधन व चंद्रभेदी प्राणायाम सेरोटोनिन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
  3. ऑक्सीटोसिन: ऑक्सीटोसिन परिपक्व हार्मोन कहलाता है। जब आप प्रेम की स्थिति में होते हैं तो उसका मुख्य कारण ऑक्सीटोसिन का अधिक स्राव है। यह हार्मोन आपको हमेशा प्रसन्न व प्रफुल्लित रखता है। इस हार्मोन का स्राव द्वेष व ईर्ष्या की भावना को दूर करता है। ऑक्सीटोसिन के स्राव को बढ़ाने के लिए आपको हरी सब्जियाँ, दूध, दही, मक्खन के ज़्यादा इस्तेमाल के साथ ध्यान, योग, चंद्रभेदी, मंडूक, शशांकासन, मकरासन, शवासन का अभ्यास अति उत्तम है।
  4. डोपामीन: यह दिमाग के रिवार्ड सिस्टम को ठीक करता है। डोपामीन का स्राव आत्मविश्वास को जगाता है व इसकी कमी आत्मग्लानि पैदा करती है। इसके स्राव को बढ़ाने के लिए रोज लगातार तेज़ गति से पैदल चलने व पसीना निकलने से डोपामीन का स्तर बढ़ता है व मन लक्ष्य के प्रति जुनून पैदा होता है। फिर भी मड बाथ, भस्त्रिका, कपालभाती, शीर्षासन, त्राटक व सूर्यनमस्कार का अभ्यास व भोजन में दाल व मोटा अनाज़, लीची, काजू, बादाम, अखरोट बेहतर हो सकते हैं।
  5. एंडोमार्फिन: एंडोमार्फिन यह स्टिरॉइड हार्मोन है जो विकट परिस्थितियों में मन में लड़ने की ताकत देता है। डिप्रेशन, अनिद्रा में यह हार्मोन सर्वाधिक बेहतर है। इसकी कमी आत्महत्या का विचार पैदा करती है। इसके स्राव के लिए ध्यान, योग के साथ-साथ सुबह जल्दी जागना व सुबह का घूमना बेहतर विकल्प है।
  6. टेस्टोस्टेरान: यह पुरुष हार्मोन है, इसका संतुलित स्राव व्यक्ति को हमेशा तरोताजा व ऐक्टिव रखता है। इसके लिए भाप स्नान, मसाज व धूप स्नान बेहतर है। टेस्टोस्टेरान की कमी से डिप्रेशन आता है। इसके लिए योग, ध्यान करना जरूरी है।
  7. थाइराइड: यह हार्मोन पियूषिका ग्रंथी द्वारा नियंत्रित हार्मोन है। यह शरीर की बुद्धि के जिम्मेदार है। इसका असंतुलन शरीर को कमजोर बनाता है। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस होता है। धनिया, पुदिना, दूध, सरसों, पत्तागोभी लें। सर्वांगासन, नौकासन, पवनमुक्तासन, चक्कीसंचालन, सिंह दहाड़, उज्जाई करना चाहिए।

डॉ. विरेंद्र अग्रवाल, भरतपुर, राजस्थान

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