सामान्यतः होनेवाले जुकाम को कॉमन कोल्ड भी कहते हैं। कॉमन कोल्ड अकसर दूसरी बीमारियों से ज्यादा होता है। दरअसल यह गले और नाक के कई तरह के वायरस और संक्रमण की देन होती है। यह प्रायः नाक पर अपना असर डालता है लेकिन यह कानों तक जाकर साइनस और ब्राँकियल ट्यूब्स को भी प्रभावित कर सकता है।
अगर आप किसी संक्रमित स्राव के प्रत्यक्ष संपर्क में आ गए हैं तो जुकाम होने में देर नहीं लगती। यह अकसर सर्दियों और मानसून में होता है और बच्चे बड़ी आसानी से इसकी चपेट में आ जाते हैं।
लक्षण व कारण
- नाक बहना।
- गले में खराश।
- खाँसी व बलगम होना।
- हलका बदन दर्द और सिर में दर्द होना।
- छीकें आना।
- हलका बुखार।
- अस्वस्थता महसूस करना।
जुकाम के लिए होमिओपैथी चिकित्सा:
होमिओपैथी चिकित्सा से जुकाम का आसानी से इलाज हो सकता है और साथ ही वायरस को शरीर से पूरी तरह से निकाला जा सकता है। इसका कोई दुष्परिणाम नहीं होता क्याेंंकि ये दवाएँ प्राकृतिक तत्त्वों से बनती हैं। होमिओपैथी की मदद से आप जुकाम के लक्षणों की गंभीरता कम कर सकते हैं और साथ ही इस प्रक्रिया के दौरान, आपको आपकी तबीयत में भी सुधार महसूस हो सकता है।
जुकाम में होमिओपैथिक दवाएँ:
- एकोनाइट (Aconite): अकसर सर्दी लगने और अचानक होनेवाली खाँसी के लिए एकोनाइटम नैपलस का प्रयोग होता है। भय लगना, बेचैनी होना, जुकाम की पहली अवस्था है। अगर आप ताजी हवा लें तो लक्षणों में सुधार होगा लेकिन प्रदूषित, बंद कमरे में बैठने या ठंड के मौसम में, शाम को बाहर जाने से लक्षण बिगड़ सकते हैं।
- एलियम सेपा (Allium cepa): नाक से बुरी तरह पानी निकलना, जलन होना, नाक व ऊपरी होंठ का छिलना, बुरी तरह से छींकें आना, ठंडी हवा लगने से खाँसी छिड़ना। ताजी हवा में अच्छा लगता है, शाम को ठंडी जगह जाने या पैर गीले रखने से लक्षण बिगड़ते हैं।
- आर्सेनिक एलबम (Arsenic album): तेज दर्द के साथ होनेवाली खाँसी में सुधार होता है। इसमें गर्म पेय लेने से भी बेहतर महसूस होता है। बाकी लक्षणों में बेचैनी, तनाव, थकान और हलका सिर दर्द शामिल कर सकते हैं। गर्म पेय लेने और गरमाहट से भरे कमरे में रहने से आराम मिलेगा परंतु ठंडी हवा या आधी रात को सर्दी में बाहर जाने से लक्षण बिगड़ सकते हैं।
- बेलाडोना (Belladonna): जब सर्दी के साथ-साथ गले में तेज दर्द भी हो रहा हो या आप कुछ निगलते हैं तो दर्द और भी असहनीय हो जाता है, गले में जलन और सूखापन महसूस होता है, आपको सिरदर्द के साथ बार-बार खाँसी भी हो जाए तो यह दवाई मददगार होती है। बेहतर होगा कि आप गरमाहट से भरे कमरे में रहें।
- हेपार सल्फ (Hepar sulph): सूखी खाँसी और सर्दी होने पर इसे दे सकते हैं। इसमें हल्के पीले रंग का बलगम आ सकता है या गले में लगातार खराश महसूस हो सकती है। लेटने या चलने से तबीयत और बिगड़ती है। कई बार उठकर बैठने, सिर को पीछे की ओर मोड़ने या गर्म हवा में बैठने से आराम मिलता है।
- नक्स वॉमिका (Nux vomica): सर्दी या सूखी सर्दी होने के बाद नाक में खुजली और सरसराहट होने लगती है। अगर नाक में बार-बार गंदगी भर रही हो तो भी इसे दे सकते हैं। ठंडी हवा लगने से नाक बुरी तरह से बंद हो सकता है। अकसर रात को तबीयत ज्यादा खराब महसूस होती है; गर्म पेय पीने से आराम आता है।
- सैमब्यूकस (Sambucus): जब रात को नाक में बहुत सूखापन महसूस हो और नाक बंद हो जाए तो यह होमिओपैथी दवा देनी चाहिए। कई बार नाक बंद होने के कारण व्यक्ति रात को नींद से उठकर बैठ जाता है क्योंकि उसे साँस लेने में दिक्कत होती है।
- रस टॉक्स (Rux Tox): नाक बंद और गले में खराश। सर्दी का मौसम और ठंड लगना, नाक से गाढ़े पीले रंग का स्राव होना। सर्दी में बलगम और भी ज्यादा हो जाती है। गर्म स्थान पर रहें और गर्म पानी से स्नान करें।
- जैलसेमियम (Gelsemium): अगर इंफ्लुएंजा के साथ जुकाम हो गया है तो यह सबसे बेहतर होमिओपैथी दवा है। सारे शरीर में भारीपन सा महसूस होता रहता है। जब हलके बुखार के साथ, बदन दर्द, नाक बहना और छीकें आना बंद न हो तो इसे दे सकते हैं।
- बेहतर होगा कि नम मौसम से दूर रहें और थोड़ी ताज़ी हवा में रहें।
- अगर बच्चों और बड़ों को बार-बार सर्दी हो तो किसी प्रोफेशनल होमिओपैथ से अपना इलाज करवाएँ।
आम सर्दी व जुकाम के लिए घरेलू उपचार:
- जिन लोगों को जल्दी सर्दी लगती हो, उनके लिए ग्रीन टी का सेवन लाभदायक पाया गया है।
- खाँसी को दूर करने के लिए गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर लें।
- तुलसी, अदरक व काली मिर्च इन तीनों की मदद से आप आम सर्दी व जुकाम का सामना कर सकते हैं।
- अगर एक चम्मच शहद में, एक चम्मच प्याज का रस मिलाकर लें तो छाती में होनेवाले जमाव से छुटकारा मिलता है।
- गर्म पानी में थोड़ा शहद और नींबू का रस मिलाकर लेने से अतिरिक्त विटामिन सी प्राप्त होता है।
- इन सभी उपायों के साथ, थोड़ा आराम भी करना चाहिए।