रात में नींद न आने का मुख्य कारण मानसिक तनाव है ।

आमतौर पर नींद न आने के कई कारण है। पर मानसिक परेशानी ओर चिंता इसके मुख्य कारण होते हैं। आप अच्छी तरह से जानते-समझते हैं कि, चिंता करने से कुछ होना-जाना नहीं है, फिर भी चिंता करते हैं और चिंता के चक्रव्यूह में फंसते जाते हैं।

ऐसा करने से मानसिक तनाव उत्पन्न होता है और यही मानसिक तनाव जब बढता है तो अनिद्रा को जन्म देता है। इससे मन में व्याकुलता, अस्थिरता और उत्तेजना बढने लगती है। मन इससे छुटकारा पाने को छटपटाने लगता है और हारकर आप नींद की गोलियों का सहारा ढूंढने लगते हैं। ये गोलियां उत्तेजना कम करके अचेतावस्था उत्पन्न करती हैं, जिससे नींद तो आ जाती है पर वह स्वाभाविक नींद न होकर एक तरह की बेहोशी ही होती है।

नींद की गोलियां खाकर सोने वाला जब सुबह उठता है तो उसके शरीर में आलस्य समाया रहता है और वह ताजगी या चुस्ती-फुर्ती का अनुभव नहीं करता। लगातार इन गोलियों को लेते रहने से इनकी आदत- सी पड जाती है। थोडे समय बाद इन गोलियों का असर कम होने लगता है। इन्हें असरदार रखने के लिए इनकी संख्या बढानी पडी है और इसका नतीजा यह होता है कि, कुछ समय बाद आप इनके गुलाम हो जाते हैं और फिर बिना गोली खाएं नींद आना मुश्किल हो जाता है। यह एक कटु सत्य है कि, जसे तरह नींद आना ईश्‍वरीय देन है, उसी तरह नींद न आना आजकल की भागती-दौडती जिंदगी की देन है।

अब बिस्तर पर लेटकर आंखे मूंद लें और अपनी सांस के आने-जाने पर ध्यान केन्द्रित करें। अनुभव करें यह सांस आ रही है, यह सांस जा रही है। इस बीच, किसी भी तरह की चिंता आपको सताने लगे तों उसे दिमाग से झटक कर निकाल दें। दूसरा उपाय यह हैं कि अपने जीवन की किसी बहुत प्रिय घटना के बारे में सोचें। उसे बार-बार याद करें। उसकी मधुर यादों में ऐसे खो जाएं, जैसे वे अभी-अभी घटी हो। जब प्यारी सुनहरी यादें आप के पास होंगी तो चिंता खुद-ब-खुद चली जाएगी। नींद लाने के लिए आप यह भी कर सकते हैं कि अपनी कोई मनपसंद किताब पढें या कर्णप्रिय संगीत सुने।

कहने का तात्पर्य यह है कि ख्यालों को खुशहाल बनाए रखिए। ऐसा करते रहने से जब मन एकाग्रचित्त हो जायेगा तो नींद धीरे-धीरे आपको अपने आगोश में लेकर थपकिया देने लगेगी और अप सो जाएंगे। क्या कभी आपने इस ओर ध्यान दिया है कि जब बच्चा सोता नहीं तो हम उसे लोरी गाकर थपकियां क्यों लगाते हैं? केवल इसलिए कि उसका ध्यान एक जगह केन्द्रित हो जाए और वह सो सके।

इन सब उपायों के बाद भी अगर नींद आपकी बैरी बनी हुई है तो 100 दवाओं की एक दवा आजमाइए। सोते समय पूरी श्रद्धा से ईश्‍वर का स्मरण किजीए और अपनी सब परेशानियां चिंताए उन्हें सौंप दीजिए।

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