एसीडिटी पेट में उपस्थित गैस्ट्रिक ग्रंथियों व्दारा अतिरिक्त अम्ल के स्त्राव को दर्शाता हैं। पेट में उपस्थित हाइड्रोक्लोरिक एसिड पाचन तंत्र के समुचित कार्य के लिए जिम्मेदार है, अगर एसिड की मात्रा कम होती है तो खाना पूरी तरह पच नहीं पाता है तथा एसिड को ज्यादा होने पर भी इसके पाचन में असुविधा होती है।
एसिडिटी होने के कारण
- तला हुआ तथा ठोस (बिना रेशे वाला) खाद्य अम्लता यानी एसिडिटी का मुख्य कारण है।
- तनाव भी इसका एक मुख्य कारण है।
- बहुत अधिक तीखा और जल्दी-जल्दी खाने से भी एसिडिटी बढती है।
एसीडिटी के लिए कुछ घरेलू उपचार
- लौंग का टुकडा चूसने से एसीडिटी में राहत मिलती है ।
- दूध तथा दूध उत्पादो का एसीडिटी के लिए एक बेहतर उपाय है।
- ताजा पुदिने के रस का रोज सेवन करना एसीडिटी के लिए एक बेहतर उपाय है।
- एक गिलास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका तथा दो चम्म्च शहद मिलाकर खाने से पहले सेवन करें, यह भी एक बेहतरीन उपाय है।
- एक गिलास पानी में साबुत जीरे को उबाले तथा छानकर भोजन करते समय साथ में लें ।
- मसालेदार भोजन, अचार तथा तले हुए खाद्य पदार्थो के सेवन से बचे।
- काकडी तरबूज तथा केले जैसे फलों का सेवन भी एसीडिटी को कम करता है, तथा यह एक अच्छा घरेलू उपाय है।
- पुदिना और मुलेठी युक्त हर्बल चाय भी एसाडिटी कम करने का एक और उपाय है।
- सुबह उठते ही जल का सेवन करना भी एसिडिटी को कम करता है।
- एसीडिटी को कम करने के घरेलू उपाय मे अपने भोजन के साथ दो चम्मच सफेद सिरके का उपयोग करना भी कारगर साबित होता है।
- एस्प्रीन तथा डिस्प्रीन जैसी दवाइयों के लगातार सेवन से परहेज करें।
- खाने के तुरंत बाद प्रतिदिन 10 ग्राम गुड का सेवन करना एसीडिटी को बनाने से रोकता है। प्रतिदिन पतागोभी का रस पीने से भी एसीडिटी में आराम मिलता है।
- प्याज तथा मूली की तरह एसिड बनाने वाले कच्चे सलादो का प्रयोग नही करना चाहिए।
- सोने से कम से कम दो घंटे पूर्व भोजन कर लेना काफी लाभदायक होता है।
- दिन मे 3-4 बार नारियल पानी के सेवन से भी एसीडिटी कम होती है।
- दही का सेवन एसीडिटी में तुरंत लाभ करता है।
- एक गिलास पानी के साथ एक चम्मच सोडे का प्रयोग भी एसीडिटी को कम करने का बेहतरीन घरेलू उपचार है।
- अदरक के एक छोटे टुकडे का गुदा बना ले तथा, इसमें बराबर मात्रा मे धनिया मिलाए, दोनो को अच्छे से मिलाकर सेवन करे, एसीडिटी मे अवश्य लाभ होगा।
- भूखे मत रहें । पेट खाली रहेगा तो भी गैस बनेगी।
- पुदिना, अनारदाना, प्याज, धनिया आदि की चटनी जरूर लिया करें।
- भोजन में लहसुन, अदरक का प्रयोग अवश्य करें।
- भोजन पचेगा, पेट साफ रहेगा तो गैस कम बनेगी।
- हरे साग जैसे बथुआ, पालक, सरसों का साग खाएं। खीरा, काकडी, गाजर, चुकन्दर भी इस रोग को शांत रखते हैं। इन्हें कच्चा खाना चाहिए।
- नारियल का पानी दिन में तीन बार पिएं। इससे सारा कष्ट मिट जायेगा।