बहुत से डॉक्टर हमें खून की जाँच का महत्त्व बताते हैं। शरीर में खून की कमी होने के कारण ‘अनीमिया’ होता है। आज-कल दौड़ धूप भरी जिंदगी की वजह से अनियमितता और कम प्रमाण में आहार लेने के कारण यह रोग होता है। विशेषकर स्त्रियों और छोटे बच्चों मे यह ़ज़्यादा तादाद में होता है। इस बीमारी में रक्त के ‘हिमोग्लोबीन’ की मात्रा धीरे-धीरे कम होने लगती है।

हमारे शरीर में विविध प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं। खून में लाल कोशिकाओं की निर्मिती हमारी हड्डियों में होती है। लाल कोशिकाओं की उम्र साधारण 120 दिन की रहती है, उसके बाद यह कोशिका शरीर में नष्ट कर दी जाती है। इन कोशिकाओं की निर्मिती के लिए लोह (प्रोटीन्स, विविध प्रकार के विटामिन्स) की आवश्यकता होती है। इन पदार्थाें की शरीर में कमी होने से लाल कोशिकाओं की निर्मिती कम होती है।
लाल कोशिकाओं का कार्य
लाल कोशिकाओं की हिमोग्लोबिन फेफड़े से शरीर के बाकी अवयवों को ऑक्सीजन पहुँचाती है और इन अवयवों से बनी कार्बन डायऑक्साइड को फेफड़े तक पहुँचाती है। शुद्ध कोशिका का आकार 7.2 मायक्रॉन होता है।
खून में कोशिकाओं का स्तर
पुरुष :13.5 से 17.5 ग्राम/डेसिलीटर
स्त्रियाँ :12 से 16 ग्राम/डेसिलीटर
बच्चे : 13 से 17 ग्राम/डेसिलीटर

अनीमिया होने के कारण

  1. आहार में लोह, विटामिन्स और प्रोटीन्स की कमी।
  2.  शरीर में रक्तस्राव होने से (प्रसूति, अ‍ॅक्सिडेंट, पाईल्स)।
  3.  गर्भवती स्त्री के गर्भ में, गर्भ बढ़ने के लिए खून का प्रमाण 30 प्रतिशत ़ज़्यादा लगता है।
  4. ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया)।
  5. शरीर के दूसरे कैंसर – अनुवंशिक थॅलेसीमिया, सिकल सेल।
  6. अनुवंशिकता।

बीमारी के लक्षण

  1. चेहरा और हाथ पाँव सफेद पड़ना।
  2. रोजमर्रा के दैनिक कार्यों में उत्साह की कमी।
  3. सतत् कमजोरी का एहसास।
  4. छाती में धड़कन।
  5. बार-बार चक्कर आना।
  6.  पसीना आना, थकना।

इस बीमारी का निदान

इस बीमारी का निदान हिमोग्राम की जाँच से की जाती है। अनीमिया होने का कारण ढूँढने के लिए अलग-अलग प्रकार की जाँच करनी पड़ती है। उदा. आर. बी. सी. इनडायसेस, बोनमॅरो, रेटिक काउंट छोटे बच्चों में अनुवंशिक दोष ढूँढ़ने के लिए हिमोग्लोबीन ‘इलेक्ट्रोफोरेसिस’ यह जाँच करते हैं। जिसे अनीमिया के कारण उपचारों को प्रतिसाद नहीं मिलता। उसके लिए दूसरी स्पेशल टेस्ट कराई जाती है।

  1. बी 12 लेवल
  2. फोलिक ऍसिड लेवल
  3. टोटल आयर्न बाइंडिंग कॅपासिटी
  4. सिरम फेरिटीन

अनुवंशिक अनीमिया में बार-बार बाहर का खून देने की जरूरत होती है।
अनीमिया न होे इसकी खबरदारी व उपाय
हमारा रहन-सहन और जीवन बहुत भागदौड़ भरा हो गया है। हम हमारे शरीर के स्वास्थ्य की तरफ ध्यान नहीं देते। सबसे महत्वपूर्ण बात है हमारा रोज का आहार पाौष्टिक और नियमित होना चाहिए।

  • हमारे शरीर को लगनेवाले आवश्यक पोषक द्रव्य, विटामिन्स, प्रोटीन्स आदि के लिए ताजा खाना, पत्तेदार सब्जियाँ, फल आदि की ज़रूरत होती है।
  • खून बढ़ने और हिमोग्लोबिन की मात्रा में बढ़ोत्तरी होने के लिए लोह की आवश्यकता होती है। लोह के लिए लोहे के तवे पर बनी भाकरी या रोटी, तवे पर पकाए पदार्थ, गुड़, पालक की सब्जी, सेवगा (ड्रम स्टिक) आदि से प्राप्त होते हैं। 
  • अंजीर, बीट, खजूर, नाचनी आदि से भी हिमोग्लोबिन बढ़ने में मदद मिलती है।
  • इस बीमारी का पता चलते ही खून की जाँच करवाएँ और अपने फैमिली डॉक्टर से सही दवाइयाँ लेना शुरू करें।
  • शरीर में जंतु का प्रमाण रहता है इसलिए साल में एक बार डॉक्टर की सलाह से जंतु की दवा बच्चों को देना और खुद भी लेना आवश्यक है।

डॉ. विजय एच. सातव
एम.डी.

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